लेखनी कविता -काली आँखों का अंधकार- जयशंकर प्रसाद

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काली आँखों का अंधकार- जयशंकर प्रसाद  काली आँखों का अंधकार  जब हो जाता है वार पार,  मद पिए अचेतन कलाकार  उन्मीलित करता क्षितित पार-  वह चित्र ! रंग का ले बहार ...

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